Madhya Pradesh: स्टॉक लिमिट की घोषणा का असर:गेहूं के भाव 10 दिन में 100 तक गिरे, अब स्थिर
गेहूं के भाव पर नियंत्रण के लिए स्टॉक लिमिट की घोषणा का असर अब बाजार में दिखाई देने लगा है। मंडी में पिछले दो सप्ताह से भाव स्थिर बने हुए हैं। दूसरी तरफ बात यदि कारोबारियों की करें तो उनके मुताबिक प्रति क्विंटल में 75 रुपए से लेकर 125 रुपए तक की गिरावट आई है। थोक कारोबारियों के मुताबिक अभी भाव में उछाल की उम्मीद कम है।
कृषि उपज मंडी के सचिव कदम सिंह ने कहा कि मंडी में 15 जून के बाद गेहूं के भाव स्थिर जैसे हैं। दो सप्ताह पहले न्यूनतम भाव 2120 रुपए और मॉडल रेट 2160 रुपए रहा था। यही भाव 28 जून को न्यूनतम 2160 रुपए रहा जबकि मॉडल रेट 2200 रुपए प्रति क्विंटल रहा है। सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से भाव ऐसे ही चल रहे हैं जबकि पिछले महीने यह 2200 रुपए को पार कर गए थे।
गेहूं के थोक कारोबारी अरविंद शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में 100 रुपए तक भाव गिरे हैं। अभी फिलहाल रेट बढ़ने के आसार भी कम हैं। ऐसे ही एक अन्य कारोबारी मनीष शर्मा ने कहा कि गेहूं के भाव में 75 रुपए से अधिक की गिरावट आई है पर अब भाव स्थिर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भाव कंट्रोल में ही रहेंगे। आटा कारोबारी दिनेश गुप्ता ने कहा कि स्टाक लिमिट का आटा कारोबार पर ज्यादा असर नहीं होगा। भाव अभी पहले जैसे ही चल रहे हैं।
निगरानी में रहेंगे लाइसेंसी
केंद्र सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट तय करने के बाद प्रदेश सरकार ने 26 जून को थोक विक्रेता, बिग चेन रिटेलर और प्रोसेसर्स के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि वे गेहूं के स्टॉक को लिमिट में लाने की प्रक्रिया 30 दिन में पूरी कर लें। नयी व्यवस्था में अब लाइसेंसी को विभागीय पोर्टल पर हर शुक्रवार को स्टॉक भी अपलोड करना होगा। इसके बाद जरूरी होने पर प्रशासनिक टीम औचक जांच करेगी। तय की गई स्टॉक लिमिट थोक विक्रेता के लिए तीन हजार टन, रिटेलर के लिए 10 टन और बिग चेन के सभी डिपो पर तीन हजार टन गेहूं रख सकेंगे। प्रोसेसर को सालाना क्षमता का 75 फीसदी स्टॉक की छूट रहेगी।
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