FCI: चावल मिल मालिकों की शिकायतों के समाधान के लिए मोबाइल एप, केंद्र ने किया लॉन्च

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को चावल मिलर्स के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के शिकायत निवारण पोर्टल का शुभारंभ किया। इस नए पोर्टल का उद्देश्य चावल मिलर्स की चिंताओं को दूर करने में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। एप लॉन्च करते हुए मंत्री जोशी ने कहा कि एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

एप चावल मिलर्स को सीधे अपनी शिकायतें दर्ज करने की अनुमति देता है। एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद, तीन दिनों के भीतर जांच करने के लिए तीन सदस्यीय टीम भेजी जाएगी, जो मिलर्स से बातचीत करेगी और उसी अवधि के भीतर समाधान की सिफारिश करेगी।

यदि चावल मिलर्स असंतुष्ट रहते हैं, तो उनकी शिकायतों को आगे की समीक्षा के लिए उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा। जोशी ने जोर देकर कहा, “सभी शिकायतों को पारदर्शी तरीके से एक त्वरित, समयबद्ध समाधान प्रक्रिया के साथ संबोधित किया जाएगा, जिसका लक्ष्य सात दिनों के भीतर समाधान है। त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए फील्ड रिस्पांस टीम तीन दिनों के भीतर मौके पर होगी।”

मंत्री ने कहा कि हर कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जानकारी लेते हैं और मंत्रालय को किसानों और मिल मालिकों दोनों के लिए शिकायत निवारण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। जोशी ने कहा, “प्रधानमंत्री हमें यह भी बताते हैं कि शिकायत निवारण प्रक्रिया को किसानों और उपभोक्ताओं के लिए और अधिक अनुकूल कैसे बनाया जाए।”

उन्होंने किसानों के लिए सरकार के समर्थन की पुष्टि करते हुए कहा कि चावल की खरीद प्रतिबद्धता के अनुसार आगे बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कल तक, हमारा चावल उठाव लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया था और आज हम 5 लाख मीट्रिक टन को पार करने की राह पर हैं।”

लॉन्च के दौरान, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि FCI सालाना लगभग 550 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदता है। ऐप पर प्रतिक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए, प्रत्येक मामले में एक नोडल अधिकारी या त्वरित प्रतिक्रिया टीम को यादृच्छिक रूप से सौंपा जाएगा, जो जमीनी स्तर पर पूछताछ करेगी। एप मोबाइल टीमों को ट्रैक करने के लिए जियोफेंसिंग तकनीक का भी इस्तेमाल करेगा। जिन मामलों में मिल मालिक असंतुष्ट रहेंगे, वहां मामले को सुलझाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया जाएगा।

This article has been republished from The Amar Ujala

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