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ओडिशा में उच्च उपज व जलवायु सहनशील फसलों की नई किस्में जारी, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

By Milling and Millers Bureau
ओडिशा राज्य बीज उप-समिति की बैठक बुधवार को हुई, जिसमें किसानों की आय बढ़ाने और राज्य की कृषि को मजबूत करने के लिए धान, मक्का और सरसों की कई नई किस्मों को मंजूरी दी गई।

कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग के सचिव डॉ. अरविंद कुमार पड्ढी ने बताया कि ये सभी किस्में जलवायु के बदलाव को सहने में सक्षम हैं और इनसे अच्छी पैदावार मिलती है। इनसे खेती ज्यादा टिकाऊ और लाभकारी बनेगी।

मंजूर की गई नई किस्में:

गैर-धान फसलें:

  • OUAT कलिंगा मक्का 1 (खुशी): सूखा और वर्षा आधारित इलाकों जैसे नवरंगपुर के लिए उपयुक्त।
  • OUAT लिंगा सरसों 2 (समृद्धि) और कलिंगा सरसों 3 (सिद्धि): अधिक उपज और ज्यादा तेल वाली सरसों की किस्में।

धान की किस्में:

OUAT की किस्में:

  • OUAT कलिंगा राइस 3 (सम्पदा): फूले हुए चावल (मुरमुरा) के लिए उपयुक्त, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं।
  • कलिंगा राइस 12 (परजा)
  • कलिंगा राइस 12A (पद्मजा): जैविक खेती के लिए उपयुक्त बायो-फोर्टिफाइड किस्म।
  • कलिंगा राइस 14 (श्रीपद): लोहे और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर किस्म।

CRRI, कटक की किस्में:

  • CR धान 215 (इंदुमती): तटीय इलाकों के लिए उपयुक्त।
  • CR धान 325 (सलिला), 334 (सत्यदेव), 335 (आलोक)
  • CR धान 604 (कल्पना): कम तापमान और गर्मी सहन करने वाली किस्म, कीटों के खिलाफ भी मजबूत।
  • CR धान 705 (गंगा), 912 (अशुतोष महक): सुगंधित किस्म, कीट प्रतिरोधी।

आगे की योजना:

बैठक में यह भी तय किया गया कि भविष्य में जब नई फसल किस्में तैयार की जाएंगी, तो जलवायु सहनशीलता, कम समय में फसल तैयार होने की क्षमता और पोषण को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस बैठक में कृषि निदेशक शुभम सक्सेना, OUAT और कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।

नई फसल किस्मों से किसानों को बेहतर उत्पादन मिलेगा और वे जलवायु के बदलाव से भी बेहतर तरीके से निपट सकेंगे। साथ ही, पोषण सुरक्षा भी बढ़ेगी।

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